गीत -- जग तू मुझे अकेला कर दे।
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जग तू मुझे अकेला कर दे।
इच्छा और अपेक्षाओं में
स्वार्थ परार्थ कामनाओं में
श्लिष्ट हुआ मन अकुलाता ज्यों
नौका वर्तुल धाराओं में
सूना कर दे मानस का त...
3 years ago
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